ग्रेटर नोएडा: कोविड 19 विश्वस्तरीय महामारी है, दुनिया में 200 के करीब देश इससे जूझ रहे हैं, संक्रमितों की संख्या 54 लाख के पार पहुंच चुकी है, मरने वालों की तादात भी 4 लाख के करीब है, सारी दुनिया और हमारे देश की सरकारी मशीनरी कोरोना से लड़ रही है परंतु कुछ नफरती वायरस इस कोरोना वायरस की जगह भेदभाव पैदा करने में लगे हुए, सरकार सारी ताकत झोंककर बड़ी संख्या में टेस्ट कर रही है, संक्रमण को रोकने के लिए संक्रमित के इर्दगिर्द के व्यक्तियों को क्वारटाइन किया जा रहा है, लॉकडाउन लगाने के साथ दो गज की दूरी बनाने की अपील की गई है, कुछ निजी चैनलों की तथ्यहीन सनसनीखेज खबरों के आधार पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाकर कही कही पर गरीब सब्जी विक्रेताओं से आधार कार्ड मांगने, गाली गलौच करने, मारपीट की वीडियो बड़ी संख्या में वायरल हुई, इस डर की वजह से सब्जियां बेचने वालों की संख्या में भारी कमी आई, व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी द्वारा फैलाई गई नफरत से किसानों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, थोक सब्जी मंडी में आढ़तियों व किसानों की संख्या अधिक है और सब्जी विक्रेताओं की संख्या कम है, इस स्तिथि को देखते हुए आढ़ती व किसान अपील कर रहे है कि रात में दो बजे से शाम 7 बजे तक मेहनत करने वाले मजदूरों को तंग न करें, 200/250 किलो वजन ठेली रिक्शे पर लादकर गली मोहल्लों एवं गाँव गाँव सब्जियां, फल आदि बेचने वालों से दुर्व्यवहार न करें, हो सकता हो तो सामाजिक कार्यकर्ता, गाँव एवं मोहल्लों के गणमान्य व्यक्ति इनकी हौसला अफजाई करें और सोशल साइट्स, अखबारों के माध्यम से अपील करे कि सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए इन्हें अपना काम करने दिया जाये क्योंकि किसानों की फसलों के उचित मूल्य के लिए बड़ी संख्या में मजदूरों की मेहनत की भी जरूरत है, पिछले कुछ दिनों में लाखों टन सब्जी खराब हो चुकी है, हजारों टन फल फ्रूट्स बागानों में पका हुआ तैयार है खरीददारों की कमी के साथ बेचने वालों की भी कमी है। जल्दी ही इस बड़ी समस्या का समाधान न किया गया और सौहार्दपूर्ण माहौल न बनाया गया तो करोड़ो किसान आर्थिक संकट में घिर सकते हैं। यह लोग कोरोना नही फैला रहे हैं बल्कि कोविड 19 महामारी के दौर में जान की बाजी लगा कर गाँव गाँव गली मोहल्ले में सब्जी आपूर्ति कर रहे है, ऐसे लोगों को फूल माला पहनाकर स्वागत करे ओर ग्राम प्रधान एवं जिम्मेदार व्यक्ति बयान जारी करे कि हमारे गांव हमारे क्षेत्र में कोई कानून व्यवस्था को चुनौती देकर गरीबों से भेदभाव न करें, गाँव व मोहल्लों को बदनाम न करें। किसानों के हितों के लिए राज्य सरकार व जिला प्रशासन ध्यान दे ऐसे मामलों पर।